श्रीमद भगवद गीता से सीखि‍ए अपने जीवन में सफलता पाने के 10 मंत्र

श्रीमद भगवद गीता से सीखि‍ए अपने जीवन में सफलता पाने के 10  मंत्र

गीता जयंती देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में धूम-धाम से मनाया जाता है. इस मौके पर लोग श्रीमद भगवद गीता में लिखे श्लोकों का पाठ करते हैं और उसे अपने जीवन में शामिल करने की प्रेरणा भी लेते हैं. लोगों का मानना है कि गीता में लिखे श्लोक किसी के जीवन में कई अहम बदलाव ला सकते हैं. खास तौर पर अगर आप करियर, नौकरी या किसी भी व्यवसाय में मिल रही विफलता को लेकर चिंतित हैं तो आपकी यह चिंता श्रीमद भगवद गीता दूर कर सकती है. अक्सर करियर या नौकरी में बेहतरी के लिए लोग आज के आधुनिक टिप्स को फॉलो करते हैं, लेकिन इनके बावजूद भी आपको मनचाही सफलता नहीं मिलती. आज के मॉर्डन समय में दिए जाने वाले ज्यादातर टिप्स गीता से ही प्रेरित हैं. यह सुनने में आपको थोड़ा अजीब जरूरी लेगा लेकिन सच यही है. ऐसे में अगर आप श्रीमद भगवद गीता में कही बातों को अपने जीवन में लागू करेंगे तो आपकी करियर, नौकरी और व्यवसाय से जुड़ी कई समस्याएं छू-मंतर हो जाएंगी. आइये जानते हैं भगवद् गीता में लिखे उन 10 उपदेशों के बारे में जो आपको करियर में जरूर सक्‍सेस दिलाएंगे:

जो हुआ अच्छे के लिए हुआ, जो हो रहा अच्छे के लिए ही हो रहा है और जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा

आम तौर पर व्यसाय या नौकरी में आपका हर दिन एक जैसा नहीं होता. कोई दिन खराब हो जाए तो आप परेशान होने लगते हैं, जिसका असर आपके आने वाले दिन पर भी पड़ता है. ऐसे हालात से निकलने के लिए गीता में लिखा गया ‘जो हुआ अच्छे के लिए हुआ, जो हो रहा अच्छे के लिए ही हो रहा है और जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा’ उपदेश आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि जो हुआ या जो होने वाला है, दोनों ही आपके हाथ में नहीं था. लिहाजा अपने अंदर नकारात्मक सोच लाने की तुलना में आने वाले दिन के लिए बेहतर योजना बनाने से ही आपकी समस्या दूर हो सकती है.

कर्म करो फल की चिंता मत करो 

कई बार हम किसी भी काम को करने से पहले उससे मिलने वाले फल की चिंता करने लगते हैं. इस वजह से जिस समय हमें काम पर फोकस करना चाहिए हम वह भी नहीं कर पाते. नौकरीपेशा लोगों और व्यवसाय करने वालों को चाहिए कि वह फल की तुलना में काम पर ज्यादा ध्यान दें. अगर आप काम पर ज्यादा फोकस करेंगे तो उसका रिजल्ट भी आपके लिए बेहतर ही होगा. लिहाजा फल की चिंता किए बगैर पहले अपने काम को शिद्दत से करना ज्यादा जरूरी है.

बदलाव ब्रह्मांड का सबसे बड़ा सच है, आपको हमेशा इसके लिए तैयार रहना चाहिए

अपनी नौकरी या व्यवसाय में आए छोटे-बड़े बदलाव से या तो हम आहत होते हैं या फिर घबरा जाते हैं. हमें यह समझना होगा कि बदलाव ब्रह्मांड का नियम है, जो किसी भी हालत में होकर रहेगा. आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप किसी भी तरह के बदलाव के लिए अपने आपको कैसे तैयार रखते हैं. अगर आपने इन हालातों के लिए खुद को पहले से ही तैयार किया है तो आपको सफलता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता.

डर को हराने और उसपर जीत पाने से ही मिलेगी सफलता

किसी भी क्षेत्र में सफल और असफल छात्रों के बीच का फर्क काम करने के तरीके से होता है. अगर आप किसी भी काम को करते हुए डरते हैं तो आप किसी भी हालत में सफल नहीं हो सकते. अपने क्षेत्र में सफल होने के लिए जरूरी है कि आप पहले अपन डर पर जीत हासिल करें. बगैर ऐसा किए आप अपने क्षेत्र में बेहतर नहीं कर पाएंगे. डर और चिंता किसी भी सफल आदमी के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं.

आप खाली हाथ आए थे और खाली हाथ ही दुनिया से जाएंगे

किसी चीज से जुड़ाव महसूस करना मानवीय स्वाभाव का हिस्सा है, लेकिन कई बार आपका यही जुड़ाव आपके असफल होने की वजह बन जाता है. उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी एक नौकरी या ऑफिस में लंबे समय तक काम करते हैं तो वहां के लोगों से आपका जुड़ाव निश्चित है. लेकिन अगर आपको अपने करियर में तरक्की करनी है तो आपको समय दर समय अपनी नौकरी या काम करने के तरीके में बदलाव करना होगा. बगैर इसके आप खुदको सफल नहीं बना पाएंगे. आपको हमेशा अपने दिमाग में यह रखना चाहिए कि आप इस दुनिया में खाली हाथ ही आए थे और खाली हाथ ही जाएंगे. इसलिए किसी चीज या जगह से जरूरत से ज्यादा लगाव आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

लालच और गुस्सा, यह दोनों हैं मुसीबत

अक्सर अपने कार्यक्षेत्र या व्यवसाय में आपके सामने ऐसे कई मौके आए होंगे जब आपके अंदर लालच या गुस्सा आया होगा. गीता के अनुसार जिस किसी ने इन दोनों चीजों पर नियंत्रण पा लिया उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. लिहाजा आपको चाहिए कि आप अपने कार्य क्षेत्र में इन दोनों चीजों से बचें. अधिक लालच जहां आपका बड़ा नुकसान करा सकता है वहीं जरूरत से ज्यादा गुस्सा आपको किसी बड़ी मुसीबत में डाल सकता है.

आप जैसा सोचते हैं आप वैसे ही बनते हैं
किसी की सफलता के लिए काम से पहले सोच अहम होती है. मसलन, अगर आपकी सोच सकारात्मक है तो आप खुद को बुरे से बुरे वक्त में भी सकारात्मक बनाए रखेंगे. इससे आपको उन बुरे दिनों में भी अपने काम को बेहतर तरीके से करने का मौका मिलेगा, जो भविष्य में आपके लिए बड़ा लाभ लेकर आएगा. वहीं इसके उलट अगर आपकी सोच नकारात्मक है तो आपके तमाम प्रयासों के बाद भी आपको सफलता नहीं मिलेगी. लिहाजा आपकी सफलता में आपकी सोच एक बड़ी भूमिका निभाती है.

कुछ पल के लिए जरूर करें ध्यान

गीता में ध्यान करने के लिए रोजाना निकाले जाने वाले समय को किसी की सफलता के लिए काफी अहम बताया गया है. गीता के अनुसार अगर आप रोजाना के काम से थोड़ा समय निकाल कर कुछ मिनट ध्यान करते हैं तो यह आपके लिए काफी फायदेमंद होगा. इससे आपके दिमाग को शांत करने और अपने काम को दोबारा से बेहतर तरीके से शुरू करने में खासी मदद मिलेगी. हमारे मानसिक संतुलन के लिए ध्यान बहुत जरूरी है.

दुविधा है असफलता की कुंजी 

दुविधा में रहना कई बार आपके लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है. गीता के अनुसार आपके दिमाग में अगर किसी काम को लेकर दुविधा है तो उस काम को कभी नहीं करना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो उस काम में आपको सफलता मिलने की संभावना काफी कम हो जाती है. ऐसे में किसी भी काम को कभी दुविधा में रहकर शुरू नहीं करना चाहिए. इससे आपके सफल होने की संभावना कम हो जाती है.

हमेशा बड़ा सोचें

गीता के अनुसार किसी भी सफल आदमी के पीछे उसकी सोच का एक बड़ा रोल होता है. अगर आपकी सोच बड़ी है तो देर से ही सही लेकिन आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. बशर्ते आप उस सोच को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे हों. सफल होने के लिए आपकी सोच का  बड़ा होना जरूरी है. गीता में लिखा है कि अपनी बड़ी सोच को पूरा करने के लिए आपके सामने कई तरह की दिक्कतें आएंगी लेकिन आपको इन सबको पार करते हुए अपना काम करते रहना होगा. तभी जाकर आप अपन क्षेत्र में सफल हो सकते हैं.



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