रमेश बरामदे में बैठा अपने नाखून काट रहा था
तभी उसके दादाजी 👴 आ गये
और उसे नाखून काटते देख कहा कि ...
रमेश बेटा बृहस्पतिवार को नाखून नहीं काटने चाहिए..
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रमेश हमेशा इन बातों को ढकोसला मानता था 😐
और कभी ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देता था ..😏
एक दिन दादाजी ने फिर रमेश को
नाखून काटते हुए देखा तो बोले 🗣
मैंने कहा था ना कि वृहस्पतिवार को
नाखून नहीं काटने चाहिए 😖
ये कोई ढकोसला या धार्मिक ..
टोटकाबाजी नहीं है बेटा 🧐
दरअसल यह एक बेहद लॉजिकल बात है 🥴
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रमेश की कुछ समझ में नहीं आया तो 😇
रमेश ने दादाजी से पूछ ही लिया 💁♂️
क्या लॉजिक है मुझे समझाइए आप 🤷♂️
तब दादाजी 👴 बोले 🗣
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बेटा ☺️
बृहस्पतिवार को नाखून काटने से ..
शुक्रवार, शनिवार और ..
रविवार की रात को ..
बियर 🍾 के कैन खोलने ..
और ..
नमकीन के पैकेट को फाड़ने में ..
बहुत तकलीफ़ होती है 🤪
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रमेश तुरंत उठा और दादाजी के
पाँव 🦶 छू लिए 🙏
इतने ज़बरदस्त ज्ञान देने और
दूरदर्शी सोच के लिए 😎😜