January 10, 2024 in Hindi
Our language could not find a proper place
उचित स्थान नहीं बना पाई हमारी भाषा हिंदी भले ही संघर्ष की भाषा हो, बहुसंख्य जनता की भाषा हो, पर अपना वह स्थान न बना पाई, जिस जगह की वह वास्तव में हकदार थी। उसकी उपेक्षा, जितनी गैर-हिंदी आंग्लभाषियों ने की, उससे कम हिंदी प्रदेश के लेखकों ने नहीं की। कहने का मतलब है कि […]