आज फिर एक सुन्दर प्रश्न आया…. एक युवक प्रश्न कर रहा था… उसने सहज भाव से पूछा…
शास्त्रीजी… क्या सच में संसार के स्वामी चार महीने के लिए सो गये…
मैंने कहा… क्यों ? कोई शक…
युवक ने कहा-नहीं.. लेकिन यह भगवान विष्णु जगत के रचयिता हैं… और सोगये…. और वह भी चार महीने के लिए…. ब्रह्मांड के मामले कैसे चलेंगे…
शास्त्रीजी ने कहा-आपके
देश का प्रधानमंत्री एक हफ्ते के लिए विदेश चला जाता है…तो देश का कारोबार ठप हो जाता है?….अगर किसी एक कंपनी का अध्यक्ष एक महीने के लिए चला जाए तो क्या कंपनी नहीं चलती?
युवक ने कहा कि वो तो किसी को सत्ता सौंपके जाते है….
मैंने कहा कि इस दुनिया के मालिक भी सत्ता सौंप के जाते हैं…..
जगत के नाथ के सोते ही गुरु शक्ति जाग्रत हो जाती है….गुरु पूर्णिमा उत्सव आपको विश्वास दिलाता है कि… आपका ध्यान रखने के लिए गुरू परम्परा बैठी है …..जाग्रत है…
और फिर श्रावण मास में भगवान महादेव आपका ध्यान रखने को तैयार हैं….
श्रावण समाप्त होते ही विघ्नहर्ता गणेश की सवारी आ जाती है…. गणेशजी जब कैलाश जाते हैं तो आपके पितरों का उत्सव चालु होता है….तुम्हारे पिता तुम्हारा ध्यान रखते हैं….
पितृ उत्सव पूरा होते ही …. आद्य शक्ति माँ जगदम्बा शेर पर सवार होकर आती हैं…
और दिवाली पर… सरस्वती… लक्ष्मी…. और महाकाली तुम्हारा ख्याल रखती हैं….
और तुम तैयार हो जाते हो… देव- दिवाली का उत्सव धूमधाम से मनाने के लिए… क्योंकि जग का नाथ जाग गया है….
इस चातुर्मास में गुरु परंपरा आपको लगातार जाग्रत रखती है।
आप जाग्रत रहना… भगवान आपकी देखभाल करने के लिए आपके हृदय-कमल में ही बैठे हैं…
हरि ॐ 🙏😊
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