August 11, 2022 in Stories
सच्चा पारिवारिक सुख – बड़ों के सम्मान में
*सच्चा पारिवारिक सुख – बड़ों के सम्मान में* पुत्र की उम्र पैंतालीस छूने लगी। पिता पुत्रको व्यापारमें स्वतन्त्रता नहीं देता था, तिजोरी की चाबी भी नहीं। पुत्र के मन में यह बात खटकती रहती थी। वह सोचता था कि यदि मेरा पिता पन्द्रह-बीस वर्ष तक और रहेगा तो मुझे स्वतन्त्र व्यापार करने का कोई अवसर […]






