क्यों बनना चाहिए आध्यात्मिक नैतिकता फायदे की चीज है, क्योंकि यह समाज में एक व्यवस्था लाती है, लेकिन इससे अंदरूनी तबाही आती है। मानवता भी सामाजिक व्यवस्था ले आएगी, लेकिन बिना किसी जोर-जबरदस्ती के। यह लोगों को सुंदर इंसान बनाती है। अगर आप अपने भीतर मानवता को उमड़ने देते हैं, सिर्फ तभी देवत्व स्वाभाविक रूप […]
This policy will empower youth.
November 3, 2025 in Commentator
This policy will empower youth.
नौजवानों को सशक्त बनाएगी यह नीति केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने देश में श्रमिकों के लिए नई नीति बनाने का फैसला किया है। इस निमित्त मंत्रालय की ओर से नई बम नीति नाम से एक मसौदा भी जारी कर दिया गया है। मंत्रालय ने मसौदा नीति को अंतिम रूप देने और अनुमोदन […]
Read More
November 3, 2025 in Commentator
Student Disorder
विद्यार्थियों की उच्छृंखलता हमारे यहां नैतिकता की भावना कम होकर अनैतिकता एवं उच्छृंलता बढ़ रही है, इसकी प्रतीति अब बड़े कहे जाने वाले हमारे लोगों को भी होने लगी है। अभी हाल में राजधानी में एक सम्मेलन हुआ था, जिसमें इसी संबंध में अच्छी चर्चा हुई थी और राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने भी खेदपूर्वक पुष्टि […]
Read More
November 2, 2025 in Commentator
Initiative of the Kashmiri People
काश्मीरी जनता की पहल काश्मीर के लोग आखिर कब तक हाथ पर हाथ धरे बैठे रह सकते हैं? कब तक वे संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर आशाभरी निगाह से देखते रह सकते हैं कि वह किसी न किसी दिन काश्मीर की समस्या को हल कर देगा? काश्मीर की समस्या तीन वर्ष से सुरक्षा परिषद के […]
Read More
November 2, 2025 in Commentator
The Pay Commission will serve the interests of employees.
कर्मचारियों के हित साधेगा वेतन आयोग हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने आठवें वेतन आयोग के ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ को मंजूरी दी है। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व जज न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। कहना […]
Read More
November 2, 2025 in Commentator
Workers will not benefit much from this.
कामगारों को इससे ज्यादा फायदा नहीं होगा कहा जा रहा है कि वेतन आयोग का गठन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा है और उनकी किस्मत खुलने बाली है। देश के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगियों के भविष्य का फैसला यह आयोग करेगा और कुछ विश्लेषक दावा करने से नहीं […]
Read More
November 2, 2025 in Commentator
Why Be Spiritual
क्यों बनना चाहिए आध्यात्मिक नैतिकता फायदे की चीज है, क्योंकि यह समाज में एक व्यवस्था लाती है, लेकिन इससे अंदरूनी तबाही आती है। मानवता भी सामाजिक व्यवस्था ले आएगी, लेकिन बिना किसी जोर-जबरदस्ती के। यह लोगों को सुंदर इंसान बनाती है। अगर आप अपने भीतर मानवता को उमड़ने देते हैं, सिर्फ तभी देवत्व स्वाभाविक रूप […]
Read More
October 30, 2025 in Commentator
Guidance for Workers
मजदूरों का पथ-प्रदर्शन समाज में अनेक वर्गों का अस्तित्व है। इन वर्गों में किसान और मजदूर वर्ग बहुसंख्यक हैं और लोकतंत्री युग में संख्या बल का अपना विशेष स्थान होता है। संख्या में अधिक होते हुए भी किसान और मजदूर शोषण के शिकार रहे और गरीबी तथा भूख उनके जीवन के साथी बन गये। समय […]
Read More
October 30, 2025 in Commentator
Holding on to the Past
अतीत को पकड़ना मानव मन या तो अतीत होता है या भविष्य। वर्तमान में मन की कोई सत्ता नहीं। और मन ही संसार है इसलिए वर्तमान में संसार की कोई सत्ता नहीं। और मन ही समय है, इसलिए वर्तमान में समय की भी कोई सत्ता नहीं। अतीत का वस्तुतः कोई अस्तित्व नहीं है, सिर्फ स्मृतियां […]
Read More
October 30, 2025 in Commentator
Not considering gold as capital is a misconception.
सोना को पूंजी न मानना गलत सोच कार्ल मार्क्स ने अपनी महान कृति दास कैपिटल में लिखा है- ‘सोना और चांदी स्वभावतः मुद्रा नहीं हैं, जबकि मुद्रा स्वभावतः सोना और चांदी है।’ यह कथन अर्थशास्त्र में सोने जैसी बहुमूल्य धातुओं के महत्वपूर्ण स्थान को गहराई से उजागर करता है। औद्योगिक युग में स्वर्ण मानक मौद्रिक […]
Read More
October 30, 2025 in Commentator
A Valuable Savings Tool in India
भारत में बचत का एक बहुमूल्य साधन भारत में सोना को लेकर लोगों में हद से अधिक रुझान जरूर है, लेकिन वे इसे बचत का एक साधन मानते हैं, निवेश का रास्ता नहीं। इसका मतलब है कि इसका इस्तेमाल वे अच्छे वक्त में पूंजी बनाने में नहीं करेंगे, बल्कि बुरे वक्त में इसे बेचकर या […]
Read More