हिंदी साहित्य में कट्टम-कट्टा इस गली गया, तो ‘कम्यूनल’ हुआ, उस गली गया, तो ‘सेक्युलर’ हुआ। एक में गया, तो दूसरे से गया; दूसरे में गया, तो पहले से गया। सच कहूं, हमारे जैसे तटस्थ साहित्यकार की आजकल बड़ी समस्या है। कुछ लोग अपने हाथों में ठप्पे लिए बैठे हैं कि जरा भी कोई दुश्मन […]
The new scheme will harm the villages.
December 18, 2025 in Commentator
The new scheme will harm the villages.
नई योजना से नुकसान गांवों का होगा मनरेगा मामूली योजना नहीं थी। गरीबों के लिए ढाल थी। काम उनका हक था। भीख नहीं। काम मांगने पर पंद्रह दिन में काम न मिले, तो सरकार को भत्ता देना पड़ता था यह कानून कहता था। इसमें सवाल की गंजाइश थी और जवाबदेही तय थी। अब तस्वीर बदल […]
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December 18, 2025 in Commentator
What’s wrong with the name G Ram Ji?
जी राम जी नाम होने से क्या बिगड़ेगा नाम में क्या रखा है, यह प्रसिद्ध वाक्य महान नाटककार विलियम शेक्सपियर ने कहा था। चावजूद इसके भारतीय संसद में जो कुछ हो रहा है, वह आंखें खोलने वाला है। सदन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का नाम बदलकर विकसित भारत रोजगार एवं आजीविका […]
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December 18, 2025 in Commentator
A Ray of Hope
आशा की किरण संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेम्बली ने एशियाई और मध्यपूर्व के देशों के उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिसमें कोरिया में युद्ध खत्म करने का संतोषजनक आधार खोजने के लिए तीन व्यक्तियों का एक कमीशन नियुक्त करने का सुझाव दिया गया था। इस कमीशन के प्रमुख स्वयं जनरल असेम्बली के […]
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December 18, 2025 in Commentator
Don’t view terrorist incidents through the lens of religion
आतंकी घटनाओं को धर्म की नजर से न देखें सिडनी ने अपने हीरो आहमद अल अहमद को सिर्फ सलाम नहीं किया, उसके साहस और इंसानियत की सराहना के लिए कई मिलियन डॉलर भी जुटा लिए। अहमद ने बिना डर के, गोलियों के सामने हमलावर को निहत्या किया और कई जिंदगियां बचाई। बहादुरी का कोई धर्म […]
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December 18, 2025 in Commentator
Jihadi Terrorism Knows No Boundaries
जेहादी आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती ऑस्ट्रेलिया में यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया आतंकवादी हमला केवल एक देश या समुदाय पर हमला नहीं था, बल्कि यह आधुनिक विश्व के लिए एक खौफनाक चेतावनी है कि जेहादी आतंकवाद किसी भौगोलिक सीमा को नहीं मानता। ह नुक्का पर्व के अवसर पर जब यहूदो परिवार […]
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December 18, 2025 in Commentator
An Inauspicious Fortnight
अशुभ पखवाड़ा पिछले दो सप्ताह भारत के लिए बहुत ही अशुभ सप्ताह रहे। भारत की एक आध्यात्मिक विभूति श्री अरविन्द के अवसान के बाद ही भारतीय स्वाधीनता संग्राम के एक अडिग सेनानी तथा देश की एकता के निर्माता सरदार पटेल ऐसे समय में चल बसे, जबकि अन्तर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय संकटपूर्ण स्थितियों को देखते हुए उनकी […]
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December 16, 2025 in Commentator
The Passing of Sardar Patel
सरदार पटेल का जाना सरदार पटेल हमारे बीच में नहीं रहे। उनकी बीमारी के समाचारों पर सारा देश चिन्ताकुल था। करोड़ों हृदय उनके स्वास्थ्य लाभ और दीर्घायुष्य के लिए प्रार्थना कर रहे थे। किन्तु विधाता ने देश की प्रार्थना को नहीं सुना और सरदार पटेल को हमसे छीन लिया। जिस समय देश को उनकी सबसे […]
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December 15, 2025 in Commentator
Factionalism in Hindi Literature
हिंदी साहित्य में कट्टम-कट्टा इस गली गया, तो ‘कम्यूनल’ हुआ, उस गली गया, तो ‘सेक्युलर’ हुआ। एक में गया, तो दूसरे से गया; दूसरे में गया, तो पहले से गया। सच कहूं, हमारे जैसे तटस्थ साहित्यकार की आजकल बड़ी समस्या है। कुछ लोग अपने हाथों में ठप्पे लिए बैठे हैं कि जरा भी कोई दुश्मन […]
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December 13, 2025 in Commentator
Terrorism’s back has been broken.
आतंकवाद की कमर बहुत टूट चुकी यह सही है कि 13 दिसंबर, 2001 के आतंकी हमले को भूलना असंभव है, लेकिन बीते दो दशकों में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कई बार कार्रवाई की है, जो सफल भी रही है और जिसका सकारात्मक असर भी पड़ा है। भले ही पाकिस्तान में उन आतंकियों या आतंकी […]
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December 13, 2025 in Commentator
The attack on Parliament can never be forgotten.
कभी नहीं भूल सकते संसद पर वह हमला साल 2001 के 13 दिसंबर को भला कौन भूल सकता है, जब लोकतंत्र के मंदिर संसद पर पाकिस्तान-परस्त आतंकियों ने हमला बोल दिया था। तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी के शब्दों में कहें, तो यह हमला भारत के शीर्ष नेतृत्व को खत्म करने के उद्देश्य से किया […]
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