क्यों बनना चाहिए आध्यात्मिक नैतिकता फायदे की चीज है, क्योंकि यह समाज में एक व्यवस्था लाती है, लेकिन इससे अंदरूनी तबाही आती है। मानवता भी सामाजिक व्यवस्था ले आएगी, लेकिन बिना किसी जोर-जबरदस्ती के। यह लोगों को सुंदर इंसान बनाती है। अगर आप अपने भीतर मानवता को उमड़ने देते हैं, सिर्फ तभी देवत्व स्वाभाविक रूप […]
The Pay Commission will serve the interests of employees.
November 2, 2025 in Commentator
The Pay Commission will serve the interests of employees.
कर्मचारियों के हित साधेगा वेतन आयोग हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने आठवें वेतन आयोग के ‘टर्म ऑफ रेफरेंस’ को मंजूरी दी है। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व जज न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। कहना […]
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November 2, 2025 in Commentator
Workers will not benefit much from this.
कामगारों को इससे ज्यादा फायदा नहीं होगा कहा जा रहा है कि वेतन आयोग का गठन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा है और उनकी किस्मत खुलने बाली है। देश के करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 69 लाख पेंशनभोगियों के भविष्य का फैसला यह आयोग करेगा और कुछ विश्लेषक दावा करने से नहीं […]
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November 2, 2025 in Commentator
Why Be Spiritual
क्यों बनना चाहिए आध्यात्मिक नैतिकता फायदे की चीज है, क्योंकि यह समाज में एक व्यवस्था लाती है, लेकिन इससे अंदरूनी तबाही आती है। मानवता भी सामाजिक व्यवस्था ले आएगी, लेकिन बिना किसी जोर-जबरदस्ती के। यह लोगों को सुंदर इंसान बनाती है। अगर आप अपने भीतर मानवता को उमड़ने देते हैं, सिर्फ तभी देवत्व स्वाभाविक रूप […]
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October 30, 2025 in Commentator
Guidance for Workers
मजदूरों का पथ-प्रदर्शन समाज में अनेक वर्गों का अस्तित्व है। इन वर्गों में किसान और मजदूर वर्ग बहुसंख्यक हैं और लोकतंत्री युग में संख्या बल का अपना विशेष स्थान होता है। संख्या में अधिक होते हुए भी किसान और मजदूर शोषण के शिकार रहे और गरीबी तथा भूख उनके जीवन के साथी बन गये। समय […]
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October 30, 2025 in Commentator
Holding on to the Past
अतीत को पकड़ना मानव मन या तो अतीत होता है या भविष्य। वर्तमान में मन की कोई सत्ता नहीं। और मन ही संसार है इसलिए वर्तमान में संसार की कोई सत्ता नहीं। और मन ही समय है, इसलिए वर्तमान में समय की भी कोई सत्ता नहीं। अतीत का वस्तुतः कोई अस्तित्व नहीं है, सिर्फ स्मृतियां […]
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October 30, 2025 in Commentator
Not considering gold as capital is a misconception.
सोना को पूंजी न मानना गलत सोच कार्ल मार्क्स ने अपनी महान कृति दास कैपिटल में लिखा है- ‘सोना और चांदी स्वभावतः मुद्रा नहीं हैं, जबकि मुद्रा स्वभावतः सोना और चांदी है।’ यह कथन अर्थशास्त्र में सोने जैसी बहुमूल्य धातुओं के महत्वपूर्ण स्थान को गहराई से उजागर करता है। औद्योगिक युग में स्वर्ण मानक मौद्रिक […]
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October 30, 2025 in Commentator
A Valuable Savings Tool in India
भारत में बचत का एक बहुमूल्य साधन भारत में सोना को लेकर लोगों में हद से अधिक रुझान जरूर है, लेकिन वे इसे बचत का एक साधन मानते हैं, निवेश का रास्ता नहीं। इसका मतलब है कि इसका इस्तेमाल वे अच्छे वक्त में पूंजी बनाने में नहीं करेंगे, बल्कि बुरे वक्त में इसे बेचकर या […]
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October 29, 2025 in Commentator
Amla Navami: A Day of Everlasting Virtue Through Good Deeds
अच्छे कर्मों से अक्षय पुण्य की आंवला नवमी पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी (31 अक्तूबर) से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के वृक्ष पर निवास करते हैं, इसलिए इसे आंवला नवमी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा-अर्चना और दान का अक्षय फल मिलता है, […]
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October 29, 2025 in Commentator
Gopashtami: Krishna went to graze the cows for the first time
गोपाष्टमी : पहली बार गाय चराने गए कृष्ण बाल कृष्ण ने मां यशोदा से गाय चराने की अनुमति मांगी। नंद बाबा और यशोदा मैया ने शांडिल्य ऋषि से अच्छा मुहूर्त निकालने के लिए कहा। इस कार्य के लिए ऋषि ने जो मुहूर्त निकाला, वह कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी का दिन था। कार्तिक मास […]
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October 29, 2025 in Commentator
Desire is the Strongest Motivation
इच्छा सबसे प्रबल प्रेरणा मानव विकास की पूरी यात्रा इस तथ्य को स्पष्ट करती है कि उसकी वास्तविक प्रगति केवल भौतिक या बौद्धिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। आज के युग में, जब विज्ञान और तकनीक ने जीवन को सुविधाजनक बनाया है, तब भी मनुष्य के भीतर शांति और संतुलन की खोज जारी है। यह […]
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